https://www.abstarnews.com/universal/national/violation-of-corona-rules/अमेरिका में इस साल लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अमेरिका कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामलों वाले देशों में शामिल है । इसके बावजूद यहां के नागरिक कोरोना के प्रति सावधानी बरतने को तैयार नहीं हैं, मास्क लगाने को तैयार नहीं हैं। और मना किए जाने पर खतरनाक कदम उठा रहे हैं। अमेरिका के कैलिफॉर्निया शहर में स्थित एक स्ट्रिप क्लब में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। अमेरिका के एक स्ट्रिप क्लब में मास्क ना लगाने की वजह से तीन लोगों को क्लब से बाहर निकाल दिया गया। तीनों इस बात से इतना नाराज हो गए कि वो जाने के बाद फिर वापस आए और साथ में AK-47 लेकर आए और उनमें से एक शख्स ने क्लब में ताबड़तोड़ फायरिंग की और तीन लोगों को घायल कर दिया।
जब से इस असीम ब्रह्मांड की रचना हुयी है, तभी से इंसान और कुदरत के बीच अटूट संबंध रहा है। पेड़ों से हमें जीवनदायिनी ऑक्सीज़न की प्राप्ति होती है, जिसके बिना मनुष्य जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पेड़ हमेशा से ही हमारे जीवन का आधार रहे हैं। आदिकाल से ही समस्त भारतीय समाज में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता मिली है। भारतीय संस्कृति में हमेशा से ही पेड़-पौधों को पूजने की परंपरा रही है। हिन्दुस्तान में ऐसा माना जाता है कि विभिन्न वृक्षों में देवताओं का वास होता है। अशोक इंद्र का, कदंब भगवान श्रीकृष्ण का, तुलसी का पौधा विष्णु और लक्ष्मी का, नीम मंसा और शीतला का माना जाता है। पेड़-पौधें प्रकृति के अनमोल देन कहे जाते हैं। ऐसा कोई मजहब नहीं है जो पर्यावरण संरक्षण को महत्व ना देता हो।हैरत और अफ़सोस की बात तो ये है कि भारत जैसे देश में एक तरफ़ जहां पर्यावरण को सर्वोपरि माना गया है और दूसरी तरफ़ बढ़ती आबादी अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए वृक्षों को काट रहे हैं। जिस रफ्तार से पेड़ और पौधे काटे जा रहे है, वो दिन दूर नहीं है जब पेड़ों का अस्तित्व यानी मानव जीवन का अस्तित्व खतरे में आ जायेगा। आंकड़े बताते हैं कि मानव सभ्यता की शुरुआत से अबतक 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 का अध्ययन करके ये पता चला है कि भारत में वन क्षेत्र कुल 7,12,249 वर्ग किलोमीटर है। भारत के लोगों में वृक्षारोपण को लेकर जागरूकता बढ़ी है और यही वजह है कि जनमानस अब पेड़ पौधों की अहमियत से वाकिफ़ हो रहे हैं। हिन्दराइज सोशल वेल्फेयर फाउंडेशन के सदस्य पौधारोपण करके लोगों में जागरुकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं जिससे लोग बढ़चढ़कर इस पुनीत कार्य में हिस्सा ले सकें।पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से हिन्दराइज फाउंडेशन के योद्धा दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में वृक्षारोपण कर रहे हैं और संस्था के साथ जुड़ने के लिए लोग भी आगे आ रहे हैं।हिन्दराइज फाउंडेशन के पितामह नरेंद्र कुमार के अनुसार प्रकृति का संरक्षण ही सभी के लिए प्राणमयी ऊर्जा है। हिन्दराइज सोशल वेल्फेयर फाउंडेशन के सदस्यों ने ना सिर्फ पौधे लगाने पर जोर दिया है बल्कि लोगों को पौधों की समुचित देखभाल करने के लिए प्रेरित भी किया है।आओ मिलकर पौधे लगाते हैं,धरा को हरा-भरा बनाते हैं।
CWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया।कोरोना संकट के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कोरोना वायरस के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर चिंता जाहिर की है। सोनिया गांधी का कहना है कि देश में अभी टेस्टिंग बहुत कम संख्या में हो रही है, इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है, जो गंभीर बात है।राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान, ये राजनीतिक रोटियां सेंकने का समय नहीं हैCWC की बैठक में कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक को संबोधित किया। उनका कहना है कि जब सभी को एक साथ होकर इस महामारी से लड़ना चाहिए था तो बीजेपी उस समय नफरत के वायरस फैला रही है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी सुझाव दिए जा रहे हैं उनपर मोदी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना वायरस से जंग में जो स्वास्थ्यकर्मी दिन रात लड़ रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी क्वालिटी के पीपीई किट मुहैया कराने में असफल रही है।सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मुश्किल के इस वक्त में सरकार को गरीब, मजदूरों और किसानों के खाते में 7500 रुपये डालने चाहिए। जिससे वो अपने परिवार का पेट भर सके। किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश का किसान काफी परेशान है। अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चेन में आ रही परेशानी ने किसानों को बेहाल कर दिया है। सरकार को किसानों की समस्या को सुनकर इसका समाधान करना चाहिए। अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता के साथ धोखाकेंद्र सरकार पर टेस्टिंग के आरोप लगाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि हमने बार-बार सरकार से कहा कि वो टेस्टिंग की गति को बढ़ाये। क्योंकि इस महामारी से लड़ने के लिए एक सबसे बड़ा हथियार टेस्टिंग ही है। लेकिन सरकार सुनने को ही तैयार नहीं है। देश में टेस्ट का अनुपात काफी कम है। इसके अलावा कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए डॉक्टरों को जो पीपीई किट दी जा रही है वो भी अच्छी क्वालिटी की नहीं है।AB STAR NEWS के ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं.
दरअसल दिल्ली के जाफराबाद में सीएए के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने से सड़क किनारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था पर शनिवार को 11 बजे के करीब ये प्रदर्शनकारी सड़क पर आ गए और मौजपुर जाफराबाद वाले सड़क को जाम कर दिया और रविवार को सुबह होते होते प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर स्टेज बनाना शुरू कर दिया इसके बाद पुलिस कमिशनर के हस्तक्षेप के बाद इसे बनाने से रोका गया। पुलिस ने बातचीत करके प्रदर्शनकारियों से सड़क का एक तरफ का हिस्सा तो खुलवा लिया पर सीलमपुर से मौजपुर जाने वाला रास्ता बंद ही रहा। ❍ जब नेताओं ने किया हस्तक्षेप।रविवार को दिन में जब प्रदर्शन की आग बढ़ने लगी तब भाजपा नेता कपिल मिश्रा और कुसुम तोमर ने सीएए और रोड जाम के खिलाफ धरना शुरू कर दिया और इसके बाद सीएए के समर्थन में लोग जुटने लगे। कबीरनगर इलाके में सीएए के समर्थन में बैठे हुए लोगों पर दूसरे लोगों ने पत्थर चला दिए इसके बाद देखते ही देखते इलाके में गोली,पत्थर और तलवारें चलने लगी। पुलिस ने भीड़ नियंत्रण के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े साथ ही पुलिस की अतरिक्त टीमों को भी यहाँ तैनात किया गया पर हालात काबू में नहीं आये। ❍ कपिल मिश्रा ने दिया ये बयान।भाजपा के नेता और पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें वो सीएए समर्थकों को मौजपुर लालबत्ती पर संबोधित करते हुए दिख रहे हैं उनके साथ नार्थ ईस्ट दिल्ली के डीएसपी वेद प्रकाश भी दिख रहें हैं। मिश्रा इस वीडियो में कहते हैं ‘सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग दिल्ली में उत्पात मचाना चाहते हैं इसलिए उन्होंने ये रोड जाम किया है इसलिए उन्होंने दंगों जैसा माहौल बनाया है। हमने अपनी तरफ से पत्थर नहीं फेकें । डीसीपी आप लोगों के सामने खड़े हैं और में आपकी तरफ से इनको कहना चाहता हूँ जबतक ट्रम्प भारत में हैं तबतक हम यहाँ से जा रहें हैं , इसके बाद हम आपकी (पुलिस) की भी नहीं सुनेंगे। अगर तब तक सड़कें खाली नहीं होती तो हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा। बाद में कपिल मिश्रा ने अपने बयान में कहा, ऐसा बयान उन्होंने लोगों का आक्रोश कम करने के लिए दिया , उन्होंने कहा सड़क जाम होने से लोगों में आक्रोश है ये सड़क ही इस इलाके को मुख्य दिल्ली से जोड़ती है। उन्होंने आगे कहा अगर वो ऐसा नहीं करते तो लोग सड़कों पर उतर जाते। मिश्रा अंत तक यही कहते रहे की उनकी तरफ से पत्थराव नहीं हुआ है। SOURCE: https://www.flypped.com/fire-of-caa-protest-reached-yamunapar/hindi/